इंस्टैंट मैसेजिंग दिग्गज व्हाट्सएप के प्रमुख को पिछले साल एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की हत्या के मामले में फंसाने का आदेश दिया गया था।उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने केंद्रीय एजेंसी को कंपनी के प्रमुख को मामले में पक्षकार बनाने के लिए कहा था।जज की मौत के बाद हाईकोर्ट ने जनहित याचिका शुरू की थी।अतिरिक्त जिला न्यायाधीश उत्तम आनंद जब जॉगिंग कर रहे थे तब एक ऑटोरिक्शा उनकी चपेट में आ गया।

अदालत को बताया गया कि उसने मामले में गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों के चैट विवरण मांगे थे, लेकिन इंस्टेंट मैसेजिंग प्रमुख ने सुरक्षा और गोपनीयता नीतियों का हवाला देते हुए पहुंच से इनकार कर दिया।पीठ ने उच्च न्यायालय के समक्ष पेश होने के लिए कंपनी को मामले में एक पक्ष के रूप में शामिल करने का आदेश दिया।एक सप्ताह के बाद मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।